हिन्दू धर्म मे धार्मिक पुराणों और ग्रन्थों के जानने या उनमे निहित कहानियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का सबसे अच्छा माध्यम किसी आचार्य या साधु सन्तों की वाणी के माध्यम से सुनना, यह सनातनी परम्परा पुरातन काल से प्रचलित है,कथा सुनने का फल कई सालों की तपस्या और पुण्य के फल के बराबर माना जाता है।
आज का लेख कुछ ऐसे ही कथावाचकों के बारे में है जिनकी वाणी मधुरता और भक्ति भाव के रास से ओतप्रोत है और वही रस लोगों को आनन्दित करता है,हम यहाँ किसी को भी सर्वश्रेष्ठ या उच्चतम नही बता रहें हैं,हम आपको आम जनमानस में प्रचलित कथावाचकों के बारे में बता रहें हैं किसी की भी आपस मे कोई प्रतियोगिता नही करा रहें हैं औऱ न ही किसी प्रकार की नंबरिंग कर रहें हैं हमारा मूल उद्देश्य उनके बारे में जानकारी देना है।
भारत के कुछ विख्यात कथावाचक
हजारों साल से हमारे सनातन धर्म की परम्परा रही है कि आगे आने वाली पीढियों की जीवन शैली के लिए कुछ बातें ज्ञान के रूप में छोड़कर जाते हैं इन्हीं को हम त्योहार रूप में या कहानियों के रूप में जानते हैं लेकिन एक हिस्सा तब भी रह जाता है वह है पौराणिक ज्ञान का, समय के साथ शिक्षा अब प्रोफेशनल हो गई तो ऐसे में कहां से सीखा जाए तो प्राचीन काल से ही चलता आ रहा है यह विशेष ज्ञान संस्कृत के प्रकांड और उस विषय के जानकारों द्वारा समाज में ज्ञान और प्राचीन वेद पुराणों,उपनिषदों समेत समस्त ज्ञान समाज में पहुंचाया जाता है आज के जमाने में इस काम का कुछ हिस्सा कथाकारों के हक में आता है तो आइए जानते हैं भारत के कुछ विशिष्ट कथाकारों के बारे में
Devkinandan Thakur Ji Maharaj
उत्तर प्रदेश रत्न से सम्मानित श्रीदेवक़ीनन्दन ठाकुर जी विश्व शान्ति चेरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक हैं। 44 वर्षीय देवकीनंदन जी उत्तर प्रदेश के मथुरा से ताल्लुक रखते हैं इनका जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था और यह गृहस्थ जीवन से बँधे हुए हैं।
देवकीनंदन ठाकुर जी श्रीमदभागवत कथा के साथ-साथ श्रीराम कथा ,शिव कथा, और भागवत गीता पर प्रवचन देते हैं इनका मुख्य नारा 'राधे राधे' है। बचपन से ही देवकीनंदन जी वृन्दावन में होने वाली रामायण और कृष्णलीला के रंग मंचन में श्रीराम और श्रीकृष्ण के पात्रों का अभिनय किया करते थे, बाल्यकाल में ही इन्हें श्रीमद्भागवत कथा मुह जुबानी कंठस्थ हो गयी थी।
- आज इनकी कथाएँ भारत के साथ साथ विदेशों में भी काफी विख्यात और प्रचलित हैं। इनकी प्रसिद्धि का अंदाजा इनके सोशल नेटवर्किंग साइट्स के फॉलोवर देखकर ही लगाया जा सकता है इनके Facebook पर लगभग 31 लाख, Instagram पर साढ़े 6 लाख और Youtube पर 40 लाख Follower हैं।
- इनकी कमाई की बात की जाए तो कहीं भी कोई पुख्ता सोर्स नही उपलब्ध है लेकिन अन्य माध्यमों से एक अनुमान के तहत इनकी रोज की कमायी लाखों में है,यह सात दिन की कथा में 1 दिन का 1 लाख रुपए तक लेते हैं। इन्हें आप रोजाना AASTHA,और SANSKAR टीवी जैसे चैंनलों के माध्यम से सुन सकते हैं।
Bageshwar Dham Wale Pandit Dheerendra Krishna Shastriji
पण्डित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी बागेश्वर धाम बाला जी महाराज मंदिर के मुख्य कर्ता धर्ता हैं लगभग 3 4 पीढ़ियों से बागेश्वर धाम की सेवा में इनका परिवार उपस्थित रहा है। बागेश्वर बाला जी धाम मध्यप्रदेश के छतरपुर में स्थित है, 25 वर्षीय धीरेन्द्र शास्त्री जी का जन्म भी मंदिर से कुछ ही दूर पर स्थित गाँव गढ़ा में हुआ है, बालाजी बागेश्वर धाम मुख्यतः हनुमान जी का मंदिर है। श्री धीरेन्द्र शास्त्री जी की ख्याति समग्र भारत मे तेजी के साथ फैल रही है इन्होंने अपनी मधुर वाकपटुता और भक्ति भाव से लोगों को खूब सरोबार किया है।
बागेश्वर हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार पंडित धीरेन्द्र शास्त्री जी के दादा जी ने कुछ दशक पहले करवाया है तब से इनकी पीढ़ियां उसी मन्दिर में सेवा में लगी हुई है, शास्त्री जी के पारिवारिक बैकग्राउंड की बात करें तो वह अत्यन्त गरीब परिवार से आते हैं भिक्षा और सत्यनारायण की कथा से जो पिता जी को प्राप्त होता था उसी से जीवन यापन करते थे मंदिर में चढ़ने वाला चढ़ावे का प्रयोग अपनी निजी जिंदगी में नही करते ऐसा उन्होंने कई बार कथा के बीच मे खुद ही कहा है।
मात्र 9 साल की उम्र से ही यह मंदिर में रहने लगे और अपने दादा जी के सानिध्य में भजन कीर्तन कथाओं का अभ्यास करने लगे,इनकी शिक्षा की बात करें तो स्कूल और कॉलेज दूर होने की वजह से सिर्फ परीक्षा में सम्मिलित होकर बीए तक की पढ़ाई पूरी की है।
यह अभी तक गृहस्थ नही हैं इनके गुरु जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य महाराज जी ने कई बार इनके भविष्य में इनके ग्रहस्थ होने की बात कही है। यह बहुत ही हँसमुख और वाणी से काफी मुखर है इनकी वाणी के साथ साथ यह कथा के बीच मे बुंदेलखंडी भाषा का भी इस्तेमाल करते हैं यह मुख्यतः श्रीमद्भागवत कथा और हनुमान कथा कहने के लिए प्रचलित हैं।
श्री धीरेन्द्र शास्त्री जी हर मंगलवार अपने बागेश्वर धाम पर लोगों की समस्याओं का निदान भी करते हैं वह लोगों के मन की बात जान लेते हैं और एक पर्चे पर लिखकर बताते हैं ऐसा सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अनेकों वीडियो उपलब्ध हैं अब इन बातों पर कितनी सच्चाई है हम इसकी पुष्टि नही करते हैं।
श्री धीरेन्द्र शास्त्रीजी की कथाएँ केवल देश मे ही नही अपितु कई देशों में आयोजित हो रही हैं अभी हाल ही में उनकी कथा का आयोजन लंदन में हुआ था जहाँ पर ब्रिटिश राजघराने के अधिकारी गण मौजूद थे उन्होंने धीरेन्द्र महाराज को पुरष्कृत भी किया है।
- आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री जी की कमाई का स्पष्ट विवरण नही है लेकिन एक अनुमान के तहत प्रतिदिन लाखों में होगी,इनके मंदिर पर हजारों लोगों को भोजन प्रतिदिन और हर साल सैकड़ों कन्या विवाह इनके खर्चे पर करवाए जाते हैं।
- इनकी कथाओं का आनन्द आप लोग "Sanskar Tv' के माध्यम और YOUTUBE ले सकते हैं।
Aniruddhacharya Maharaj
बड़े बाल, मनोरम छवि और मधुर वाकपटुता के धनी आचार्य अनिरुद्ध महाराज का ताल्लुक मध्यप्रदेश के दमोह जिले के रिवान्झा नामक गाँव से है हालांकि अलग अलग श्रोतों से इनका जिला जबलपुर भी बताया जा रहा है।
इनके पिता श्री अवधेशानंद गिरिजी भागवताचार्य के साथ साथ मन्दिर में पुजारी का कार्य करते थे। 33 वर्षीय आचार्य अनिरुद्ध जी बचपन से ही भक्तिभाव और धार्मिक कार्यों के क्षेत्र में जाना चाहते थे,बाल्यावस्था के पड़ाव में ही उन्होनें वृन्दावन का रूख किया,वृन्दावन में संत गिरिराज जी की शरण मे रहकर संस्कृत और हिन्दू धर्म के ग्रंथों का पठन पाठन किया,हालांकि शिक्षा में उन्होंने क्या उपाधि प्राप्त की इसकी जानकारी कहीं नही मिलती है।
अनिरुद्धाचार्य जी गृहस्थ जीवन से बँधे हुए हैं अर्थात शादी शुदा हैं उनके 2 बच्चे हैं और उनकी पत्नी सत्संग और कथाओं का वाचन करती हैं। अब तक देश विदेश सब जगह मिलाकर इन्होंने 600 से अधिक कथाएँ कर चुके हैं ,यह मुख्यतः भागवद कथा कहते हैं।
शुरुवाती दिनों में इन्होंने ने भक्ति गायन से होते हुए कथावाचन का कार्य प्रारंभ किया,यह कथा के साथ साथ Motivational Speaker भी हैं कथा के दौरान भक्तों के मन मे उठे अनेक सवालों के जवाब बहुत ही सहज ढंग से देते हैं।
इनकी कथाओं और प्रेरणा देने के दौरान इनका मूल्य उद्देश्य प्रदर्शित होता है यह लोगों को भक्तिमार्ग पर चलने और ईश्वर के प्रति समर्पण का संदेश देते हैं और धर्म के क्षेत्र में उत्तम और उत्कृष्ट कार्य करने की प्रेरणा देते हैं। यह मुख्यतः 'राधे राधे' और 'जय श्री मननारायण' बोलते हैं। बचपन मे यह गौमाता को चराने का काम करते थे जिससे इन्हें आज भी गौमाता के प्रति बहुत ही लगाव है। 'गौरी गोपाल' नाम का वृद्धाश्रम के संचालक हैं जहाँ पर बुजुर्ग माताओं को आश्रय का काम होता है इनकी कमाई का अधिकतम हिस्सा ऐसे ही धार्मिक कार्यों में खर्च किया जाता है हालाँकि इनकी कमाई के कोई स्पष्ट आँकड़े नही है फिर भी एक अनुमान के अनुसार कमाई सालाना करोड़ों में है।
- यह Sohail Networking Sites पर काफी प्रचलित हैं इनके फेसबुक पर पौने 3 लाख,इंस्टाग्राम पर लगभग ढाई लाख और यूट्यूब पर 70 लाख फॉलोवर हैं।
- इनकी कथाओं का आनन्द आप Sanskar Tv, Aastha और youtube के माध्यम से ले सकते हैं।
Sadhvi Jaya Kishori Ji
7 साल की बेहद कम उम्र में अध्यात्म की राह पर चलने वाली जया किशोरी का जन्म राजस्थान के सुजानगढ में ब्राह्मण परिवार में हुआ था, वर्तमान में उनका परिवार कलकत्ता में रहता है उनकी पूरी शिक्षा कलकत्ता से ही पूर्ण हुई है उन्होंने B.Com की डिग्री पूर्ण की है उनका पूरा परिवार भगवान खाटू श्याम जी का भक्त है।
Jaya किशोरी जी बहुत ही सादा और सरल जीवन जीने के लिए जानी जाती हैं। जया किशोरी जी का पूरा नाम Jaya Sharma है इनके कृष्ण रंग में ओत प्रोत और कृष्ण भक्ति को देखकर इनके गुरु श्री गोविन्द राम जी ने इन्हें 'किशोरी जी' की उपाधि से सुसज्जित किया,देवी राधा रानी को हम इस नाम से जानते हैं इसका मतलब होता है जो हमेशा किशोर अवस्था मे हो। यह मुख्यतः भजन गायन से विख्यात हुई इनके कई सारे ऐसे भजन हैं जैसे-
सजा दो घर गुलशन सा अवध में राम आए हैं काली कमली वाला मेरा यार है
ऐसे बहुत सारे भजन हैं जिन्हें Social Platform पर करोड़ों बार देखा गया है। 27 वर्षीय जया किशोरी के घर का माहौल भक्तिमय था जिसकी वजह से इनका मार्गदर्शन और भक्ति मार्ग में चलने का अवसर जल्दी प्राप्त हुआ। कलकत्ता में हर साल बसन्त उत्सव का बड़ा आयोजन होता है किशोरीजी ने मात्र 7 साल की उम्र में ही उस उत्सव में भजन गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया था,
10 साल की उम्र पूर्ण करते करते इन्होंने 'शिव ताण्डव' 'सुन्दरकाण्ड' 'लिंगाष्टक' 'मधुराष्टम' 'रामकष्टम' 'शिव स्त्रोतम जैसे कई स्रोतों को अपनी मधुर आवाज से लोगों का मन मोह लिया था। इनके व्यक्तिगत जीवन जैसे शादी,पति, प्रेमी इत्यादि के बारे में गूगल में सबसे ज्यादा सर्च किया जाता है इससे आप इनकी ख्याति का अंदाजा लगा सकते हैं जया किशोरी जी भजन गायिका और कथाकार के अलावा Motivational Speaker भी हैं यह कथा के बीच बीच मे लोगों को सद्मार्ग और अच्छे आचरण के लिए प्रेरित करती रहती हैं।
किशोरी जी के इष्ट देव भगवान कृष्ण है इन्होंने भगवान कृष्ण से सम्बंधित 350 से भी अधिक कथाएँ कर चुकी हैं।जया किशोरी अभी तक गृहस्थ नही हैं अर्थात अविवाहित हैं कई मीडिया इंटरव्यू में शादी के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया है कि वह शादी सामान्य युवती की तरह ही करेंगी। प्राप्त जानकारियों के अनुसार वह अपनी कमाई का अधिकतम हिस्सा Narayan Trust Sansthan, Udaipur को दान करती हैं यह ट्रस्ट विकलांग बच्चों की शिक्षा ,स्कूल और बच्चों के खाने पीने का ध्यान रखता है।
- Facebook पर इनके 87 लाख फॉलोवर हैं
- Instagram पर 30 लाख और Youtube पर 15 लाख Subscriber हैं।
- Year 2021 में इन्हें Iconic Golden Award से नवाजा गया है।
Pandit Pradeep Mishra
पण्डित प्रदीप मिश्रा प्रसिद्ध कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु हैं इनका उपनाम रघुराम है यह Madhya Pradesh के काफी प्रचलित कथाकार हैं इनका जन्म 1980 में मध्यप्रदेश के सीहोर में हुआ था।
42 वर्षीय पंडित प्रदीप मिश्र गृहस्थ जीवन मे बंध चुके हैं यह मुख्यतः भगवान शिव की कथा अर्थात "Shiv Puran" कहते हैं कथा के बीच मे कई प्रकार की रोचक और motivational Stories सुनाते हैं हाल ही में एक टोटके की वजह से खूब विवादों में भी रहे,इन्होंने ने Students को पास होने के लिए एक टोटके की विधि बताई थी कि शंकर जी पर कुछ लिखकर या मिष्ठान लगाकर बेलपत्र चढ़ाने से परीक्षा में सफलता मिलती है लेकिन कई media sources से बाद में पता चला कि इनका खुद का बेटा 10th क्लास में fail हो गया इस पर काफी Troll का सामना करना पड़ा।
- खैर हम इनकी कथा के विषय मे बताते हैं इनकी कथाएं देश विदेश हर जगह प्रचलित हैं कथा सुनने वाले भक्तों की संख्या करोड़ों में है यह Social networking Sites पर भी काफी Popular हैं।
- Facebook पर 15 लाख लोग जुड़े हुए हैं वही Youtube पर 29 लाख Subscriber हैं।
समाप्ति
यह कुछ कथावाचक हैं जिनकी मधुर वाणी से करोड़ों की संख्या में इनके श्रोता हैं शिव भगवान की कथा, कृष्ण जी की कथा तो कोई भजन से मन मोह लेते हैं।