भारत के पूर्व राष्ट्रपति और Missile Men से मशहूर Dr Kalam का आज जन्मदिन है संपूर्ण भारत वर्ष उनकी जयंती के मौके पर उनकी याद में उनके विचारों और योगदानों को याद करता है।
Dr Kalam भारत के सर्वश्रेष्ठ वाज्ञानिको में से एक थे उन्होंने अंतरिक्ष मिसाइल और न्यूक्लीयर हथियार के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई थी उनके इस योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
Dr Abdul Kalam का पूरा नाम (Full Name) Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam है इस लेख के माध्यम से जानेंगे Dr APJ abdul kalam के बारे में और Dr. APJ Abdul Kalam Education, Career, Age, Awards, Books, Net Worth और कुछ रोचक किस्से इत्यादि के बारे में जानेंगे।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की बायोग्राफी (जीवनी) - Dr Abdul Kalam Biography
भारत रत्न से सम्मानित Dr Kalam भारत वर्ष के 11वें (2002-2007)राष्ट्रपति के रूप में काम कर चुके हैं लगभग 40 साल उन्होंने वैज्ञानिक तथा इंजीनियर के रूप में देश के लिए अतुलनीय योगदान दिया। पोखरण परमाणु परीक्षण से लेकर ISRO और DRDO की कई गतिविधियों में कलाम साहब का योगदान अतुलनीय रहा,वह भारत के रक्षा सलाहकार भी रह चुके हैं। इंजीनियर वैज्ञानिक से लेकर राष्ट्रपति बनने तक कलाम साहब का सफर अत्यंत गौरवशाली और प्रेरणादायक रहा। Dr Kalam भारत वर्ष के ऐसे प्रथम राष्ट्रपति थे जिनका राजनीतिक पृष्ठभूमि न के बराबर था अर्थात वह गैर राजनीतिक छवि वाले पहले राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति पद Dr कलाम को उनके द्वारा विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में योगदान के रूप सम्मान स्वरुप भेंट मानी जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
Name | अवुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (Dr APJ Abdul Kalam) |
Nationality | Indian |
Religion | Muslim |
Date of Birth | 15 October, 1931 |
Birth place | धनुष्कोडी, रामेश्वरम, Tamil Nadu |
Father's Name | Jainulabdeen |
Mother's Name | असीम्मा |
Wife | Unmarried |
Profession | Engineer, Scientist, Professor, Writer, Motivational Speaker |
Hobbies | वीणा बजाना, मोटिवेशनल लेक्चर देना, क्लासिकल इंडियन म्यूजिक सुनना |
Death | 27 July, 2015 |
Cause Of Death | कार्डियक अरेस्ट |
राष्ट्रपति कार्यकाल | 25 July, 2002 से 25 July, 2007 तक |
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का प्रारम्भिक जीवन (Dr APJ Abdul Kalam Early Life, Family Background)
Dr Kalam का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को एक मुस्लिम अंसार समुदाय के बेहद गरीब परिवार में हुआ था। 5 भाई और 5 बहनों के बीच पले बढ़े कलाम बचपन से ही पढ़ाई के प्रति गंभीर थे। इनके पिता जैनुलाबदीन बहुत ही कम शिक्षित थे वह परिवार के लालन पोषण के लिए मछुआरों को नाव किराए पर दिया करते थे तथा माता असिम्मा गृहिणी थी। परिवार बड़ा होने की वजह से आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी यही कारण था कि कलाम को अपनी पढ़ाई के दौरान काफी संघर्ष करना पड़ा।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा (Dr APJ Abdul Kalam Education)
Dr APJ Abdul Kalam के पिता आर्थिक रूप से कमजोर जरूर थे लेकिन शिक्षा के महत्त्व को भली–भांति समझते थे यही कारण था कि कलाम पर उनके पिता के नेक संस्कारों और विचारों का खासा प्रभाव था। 5 वर्ष की उम्र में कलाम साहब का दाखिला रामेश्वरम की पंचायत के प्राथमिक स्कूल में हुआ। कलाम जब 5वीं कक्षा के विद्यार्थी हुआ करते थे तब उनके शिक्षक इयादुरायी सोलमेन ने जीवन में सफलता के तीन सूत्र दिए थे-
- पहला तीव्र इच्छा
- दूसरा आस्था
- और तीसरा अपेक्षा
इन तीनों सफलता के मूलमंत्रों को कलाम ने जैसे आत्मसात कर लिया हो और इन सूत्रों का प्रयोग कलाम साहब ने अपने जीवन में भरपूर किया। जब कलाम साहब स्कूल में थे तब एक शिक्षक ने उन्हें पक्षियों के उड़ने के विज्ञान के बारे में समझाया लेकिन कक्षा के किसी भी विद्यार्थी को शिक्षक का आशय समझ नही आ रहा था तब शिक्षक ने सारे विद्यार्थियों को समंदर किनारे ले जाकर वहां उड़ते हुए पक्षियों के विज्ञान का रहस्य बताया और तभी से उड़ने वाली वस्तुओं में कलाम की जिज्ञासा बढ़ गई और आगे चलकर वह विमान विज्ञान के क्षेत्र में जाने का निर्णय लिया।
कलाम साहब गणित विषय में गहरी रुचि रखते थे बचपन के दिन में वह सुबह 4 बजे उठकर नहाकर गणित का ट्यूशन पढ़ने जाया करते थे। अपनी पढ़ाई के दौरान अपने पिता के आर्थिक बोझ को कम करने के लिए अखबार बांटने का काम करते थे। प्रारंभिक शिक्षा के बाद सन 1950 में ‘Madras Institute Of Technology’ से Space Science में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन (Dr APJ Abdul Kalam As a Scientist)
स्नातक की पढ़ाई के बाद कलाम ने DRDO (Defence Research and Development Organization) की होवरक्राफ्ट' परियोजना के लिए काम किया।
इस परियोजना में लगभग 10 साल सफलतापूर्वक काम करने के बाद ISRO (Indian Space Research Organization) के लिए कई योजनाओं में बतौर निदेशक भूमिका निभाई।
- भारत का पहला स्वदेशी SLV–3 का निर्माण.
- 1982 में Rohini उपग्रह को अंतरिक्ष भेजना.
- ‘अग्नि’ पृथ्वी जैसी मिसाइलों को स्वदेशी तकनीक देकर नया आयाम हासिल किया.
- पोखरण परमाणु परीक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई.
Dr Kalam के इन योगदानों की बदौलत भारत "International Space Club" की सदस्यों की सूची में लिस्टेड हो गया। 1992 से 1998 तक भारत के रक्षा मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किए गए, जहां 1998 में हुए दोबारा परमाणु परीक्षण में सक्रिय भूमिका निभाई।
भारत के 11वें राष्ट्रपति Dr APJ Abdul Kalam
Dr Kalam सन 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित किया गया, वैसे तो Dr Kalam कोई राजनैतिक व्यक्ति नही थे। उन्हे NDA की तरफ से उम्मीदवार बनाया गया था उनका समर्थन कांग्रेस समेत अन्य वामपंथी दलों ने भरपूर समर्थन किया और 25 July 2002 को भारत के राष्ट्रपति चुने गए। अब्दुल कलाम शाकाहारी होने के साथ स्वालंबी व्यक्तित्व के धनी थे। Dr कलाम का कार्यकाल 25 जुलाई 2007 को पूरा हुआ।
Dr Kalam राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद
भारत के राष्ट्रपति पद मुक्त होने के बाद कलाम साहब कई तकनीकी संस्थानों में गेस्ट लेक्चर के तौर पर पढ़ाते रहे, कई अनुसंधानों में सहायक के तौर पर भूमिका निभाते रहे। IIM Shillong, IIM Ahmedabad, Indore, Bengaluru, जैसे संस्थानों में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में अपना योगदान देते रहे।
IIST(Indian Institute Science And Technology) Tiruanantpuram के कुलाधिपति के पद पर रहे। Dr Kalam अन्ना विश्वविद्यालय से लेकर बनारस विश्वविद्यालय और कई नामचीन संस्थानों में तकनीकी के क्षेत्र में शिक्षित करते रहे।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की किताबें (Dr APJ Abdul Kalam Books)
कलाम साहब के एक सफल वैज्ञानिक होने के साथ साथ बेहतरीन लेखक भी थे उन्होने अपनी किताबों के माध्यम से आने वाली पीढ़ियों को अनेकों संदेश दिए, उनकी कुछ मुख्य किताबें इस प्रकार हैं-
- Ignited Minds
- India My Dream
- Wings Of Fire
- Scientist To President
- My Journey
यह उनकी लिखी मुख्य किताबें हैं हालांकि कई लेखकों ने और भी किताबें उनके बारे में लिखी हैं उनसे सम्बन्धित यह सभी किताबें अंग्रेजी अथवा हिंदी दोनो संस्करणों में उपलब्ध हैं। अग्नि की उड़ान उनकी बायोग्राफी है जिसे सबको पढ़ना चाहिए।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अवार्ड्स (Dr APJ Abdul Kalam Awards)
वैसे तो कलाम जी ने बहुत से अवार्ड्स या पुरुस्कार प्राप्त किए हैं लेकिन ये उनमे से कुछ मुख्य जिनका जिक्र हमेशा होता रहता है।
- Dr Kalam को विश्व की लगभग 40 University ने डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया है।
- भारत का सर्वोच्च पुरुस्कार 'भारत रत्न' 1997 में भारत सरकार द्वारा दिया गया है।
- 1981 में पद्मभूषण और 1990 में पद्मविभूषण पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है।
- 26 May 2005 को Dr Kalam Switzerland के दौरे पर गए, इस दिन को कलाम साहब के सम्मान में वहां की सरकार ने विज्ञान दिवस के रूप में घोषित किया।
- इसके अलावा रामनुजम,वीर सावरकर, किंग्स चार्ल्स मेडल समेत कई अन्य पुरुस्कारों से Dr कलाम को सम्मानित किया जा चुका है।
Dr APJ Abdul Kalam Net worth
हालांकि कलाम जैसे महान व्यक्तित्व की संपत्ति पर बात भी करना बेमानी होगी लेकिन जहां राजनेताओं के पास इतना धन होता है ऐसे समय में वह मिसाल रहे, उनके पास बैंक बैलेंस के तौर पर कुछ भी नहीं था वह अपनी सारी पेंशन दान कर देते थे, संपत्ति के तौर पर कुछ बंद गले के शूट और 2 3 जोड़े जूतों का था।
एक बार उनका परिवार उनसे मिलने दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में रुका था उसका भी बिल Dr Kalam ने अपने सैलरी से दिया था, वह बेहद शांत और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के धनी थे।
कलाम साहब का निधन कैसे हुआ (Dr APJ Abdul Kalam Death)
Dr Kalam का जीवन पूर्णतः देश के प्रति समर्पित था,शायद ही कोई साल रहा हो जब उन्होंने आराम किया हो,उनका हमेशा शिक्षा और तकनीकी के क्षेत्र में योगदान जारी रहता था।
IIM Shillong में 27 जुलाई को एक विषय पर वक्तव्य देते समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा, इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 6 बजे भारत के इस महान व्यक्तित्व के शरीर का अंत हो गया।
उनकी मृत्यु के बाद पार्थिव शरीर आर्मी ट्रक से तिरंगे में लपेटकर को रामेश्वरम भेजा गया, मौजूदा सरकार ने 7 दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया गया। उन्हे रामेश्वरम के KP कुरुंब मैदान में दफनाया गया जहां पर प्रधानमंत्री मोदी समेत 35000 लोग शामिल थे।
ये भी पढ़ें,
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब की याद में उनकी कुछ बातें - Dr APJ Abdul Kalam Interesting Facts
- लाल बहादुर शास्त्री जी के अनमोल विचार, वचन - Lal Bahadur Shastri Quotes, Thoughts
- क्रांतिकारी भगत सिंह की जीवन यात्रा एवं निबंध
अन्तिम शब्द
Dr Kalam जैसी शख्सियत भारत जैसे देश की आत्मा है वह हमेशा अमर रहेंगे, वह हमेशा विद्यार्थियों के करीब रहे,वह विद्यार्थियों को देश की नीव समझते थे,उनके बारे में जितना लिखा जाए कम ही होगा,कलाम साहब की याद में उनके विजन को भली भांति पूरा करने में कुछ संस्थान अभी भी कार्यरत है लेकिन उनके भारत के सपने को पूरा करने की जिम्मेदारी देशवासियों की भी है।