दूध डेयरी का व्यापार कैसे खोलें जानिए लागत और कमाई : Dairy Farm Business Plan 2024

70 के दशक में "श्वेत क्रांति" से भारत का परिचय हुआ Dr वर्गीज कुरियन इसके जनक कहे जाते हैं उन्होंने पशुपालन के माध्यम से एक ऐसा व्यापारिक प्लान तैयार किया जिससे दूध की कमी से जूझ रहे देश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बना दिया।

How to Start a Dairy Business - Complete Information on Costs and Earnings 2024 Dairy Farm Business Plan

दुग्ध कृषि या डेयरी उद्योग ने लाखों आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण क्षेत्र वालों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान की आज डेयरी फार्म एक सफल उद्योग है आइए जानते हैं (Business Plan For Village) इसके व्यापारिक प्लान, लागत और इनकम के बारे में। 

Milk Dairy Farm Business Plan

किसी भी व्यापार को करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी प्लानिंग है और उसके बाद एक्जिक्यूशन, ऐसे ही डेयरी फार्म खोलने के लिए सबसे जरूरी महत्त्वपूर्ण बातें जिनकी मदद से आप अपने डेयरी खोलने के सपने को पूरा कर सकते हैं। दूध डेयरी तीन प्रकार की होती हैं 

Milk Dairy Business Plan - Strategies for Success in Dairy Farming

  1. सरकार द्वारा पोषित
  2. कंपनियों द्वारा संचालित
  3. व्यक्तिगत डेयरी उद्योग

और हम आपको निजी दूध उत्पादन डेयरी से सम्बन्धित जानकारी दे रहें हैं।

किसी Dairy Farm में कुछ दिनों की ट्रेनिंग

आजकल सरकार द्वारा अनेकों पशुपालन के ट्रेनिंग कोर्स चलाए जा रहे हैं वहां पर आप इससे सम्बन्धित ज्ञान अर्जित कर सकते हैं या दूसरा तरीका यह है कि इंटरनेट के माध्यम से अच्छे से रिसर्च करें और फिर किसी सफल डेयरी उद्योग फार्म में जाकर प्रैक्टिकल ज्ञान प्राप्त करें। पार्ट टाइम व्यापार की तरह न लें डेयरी उद्योग को, इस व्यापार में कदम रखना मतलब समय पर फील्ड में मौजूद रहना, इसको शुरू करने के पहले आप के पास देख रेख की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।

सरकारी संस्थान और एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय के द्वारा डेयरी फार्म से संबंधित वर्क शॉप्स आयोजित की जाती है जहां पर इसके प्रबंधन, जानवरों की देखभाल और दुग्ध उत्पादन पर विस्तृत जानकारी मिलती है।

डेयरी फार्म की जमीन और महत्त्वपूर्ण सुविधाएं

dairy farm land

इस व्यापार में यह बहुत मायने रखता है कि आपका फार्म किस जगह पर है शहर या गांव क्षेत्र में, शुरू करने के पहले यह जानना जरूरी है कि दूध की सप्लाई के लिए कितनी दूर जाना पड़ेगा और किसी बड़ी डेरी में दूध बेचेंगे या मार्केट में फुटकर तौर पर, पहले से ही इन बातों का ध्यान रखना होगा। जमीन में बिजली पानी की सुविधाएं होना अत्यंत आवश्यक है इसलिए ऐसी जगह पशुओं के लिए चुनें जहां आसानी से यह आधारभूत चीजें उपलब्ध हों।

  • भूमि का आकार और प्रकार
  • पानी की उपलब्धता
  • बिजली की आपूर्ति
  • सड़क और बाजार तक पहुंच
  • शांति और स्वच्छता
  • भवन और शेड की व्यवस्था

व्यापार का स्तर किस हिसाब का होगा यह आप अपने बजट के अनुसार तय करें यदि आपका बजट 10 पशुओं के लिए है तो शुरूवात में 5 पशु ही खरीदें और शेड की संख्या ज्यादा से ज्यादा 10 से 12 रखें बाकी अगले खेप के लिए छोड़ दें, भूमि का आकार प्रति जानवर 100 से 120 स्क्वायर फीट औसतन होना चाहिए जहां पर शेड लगाया जाएगा और यह हवादार होना चाहिए।

पशुओं का चुनाव और सही समय पर उनकी खरीदारी

dairy Farm plan

व्यापार के पहले ही यह बात क्लियर रहनी चाहिए कि आप गाय की दूध की डेयरी लगाएंगे या भैंस के दूध की, अपने शहर या गांव में खपत अनुसार ही जानवरों का चुनाव करें और उत्तम जानवरों का चुनाव करने के लिए पशु पालक विशेषज्ञों से राय मशविरा कर सकते हैं साथ ही यह जानना अनिवार्य है कि सिर्फ दूध या उससे बने उत्पाद जैसे पनीर या दही भी बनाएंगे। जानवरों की खरीद का पहले खेप का सही समय सितम्बर और अक्टूबर है और दूसरी खेप फरवरी-मार्च है।

खरीददारी के वक्त इन बुनियादी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

  1. दूध देने वाली नस्ल का चयन
  2. उम्र और वजन का मूल्यांकन
  3. सिर्फ स्वस्थ पशु खरीदें
  4. टीकाकरण कार्यक्रम का पालन
  5. संतुलित आहार देवें
  6. स्वच्छता का ध्यान रखें
  7. नियमित स्वास्थ्य जांच
  8. नवजात बछड़ों की देखभाल

वित्तीय लागत प्लान की तैयारी करें

व्यापार में आय और लागत दो महत्त्वपूर्ण पहलू हैं इसलिए इनका स्पष्ट होना अत्यंत जरूरी है तभी आप लागतों को नियंत्रण रख पाएंगे सरल भाषा में कहा जाए कि हिसाब किताब दुरुस्त होना चाहिए। अपनी कैपिटल का 40 से 50 प्रतिशत भाग ही शुरूवात में लगाएं, धीरे-धीरे अनुभव के साथ इन्वेस्टमेंट बढ़ाते जाएं।

वित्तीय लागत में इन बिंदुओं के आधार पर संपूर्ण खर्च का प्लान बना सकते हैं।

  • अगर भूमि मालिक हैं तो यह खर्च बचेगा वरना किराया या पट्टा का खर्च जोड़ना होगा।
  • प्रति पशु औसत मूल्य का हिसाब किताब।
  • शेड और पूरा इंफ्रा बनवाने में लगने वाला खर्च।
  • पशुओं के चारे और फीड की लागत का अंदाजा लगाना।
  • कितने कर्मचारी होंगे उनकी तनख्वाह का आंकलन करना।
  • बिजली, पानी और मशीनी उपकरण का खर्च।
  • पशुओं का बीमा और डेयरी के लाइसेंस का खर्च।
  • दूध को दुकान या अन्य जगह वितरण का खर्च।

डेयरी फार्म का लाइसेंस कैसे बनवाएं (Dairy License)

दूध बिक्री का लाइसेंस के लिए सरकार के "खाद्य सुरक्षा विभाग" में रजिस्ट्रेशन कराना होगा जहां पर सम्बन्धित डॉक्यूमेंट

  • आधार कार्ड
  • बिजली बिल
  • पैन कार्ड
  • पंचायत से N.O.C

जमा कराने होंगे यह लाइसेंस एक से अधिकतम 5 वर्षों तक वैलिड रहता है। लाइसेंस आवेदन शुल्क 1000 से लेकर 5000 रुपए तक हो सकती है और इसके बाद भिन्न राज्य के अनुसार 1000 से 2000 रुपए के मध्य और विभिन्न दस्तावेज का खर्च हजार रुपए के आसपास होगा।

खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से प्रमाणित कराने पर खर्च 20 हजार रुपए तक होगा लेकिन यह आपकी फर्म के आकार अनुसार होगा।

डेयरी फार्म के लिए आवश्यक उपकरण

अगर आप दूध कलेक्शन पॉइंट बनाएंगे तो उससे लाभ यह होगा कि दूध बाजार या अन्य जगहों में भजेने में जो खर्च आएगा वह कलेक्शन किए हुए दूध के लाभ से निकल आएगा और आपके डेयरी का दूध ज्यादा प्रॉफिट देगा मतलब खर्च निल हो जाएगा। आवश्यक उपकरण इस प्रकार हैं 

Important Tools of milk Dairy Business

  1. Milking Machine / दूध निकालने की मशीन
  2. दूध Storage Tank 
  3. दूध भेजने के लिए टैंक
  4. Water Troughs / पशुओं के पानी पीने के बर्तन
  5. Vaccination Kit / वैक्सीनेशन किट
  6. Medication Delivery Tools / दवा देने के उपकरण
  7. Cleaning Supplies / सफाई आदि के उपकरण
  8. Cooling Machine / दूध को ठंडा रखने की मशीन
  9. Milk Measurement Equipment / दूध मात्रा मापने के उपकरण
  10. Nutritional Testing Equipment / पोषण मापने का उपकरण
  11. Record-Keeping Tools (e.g., Camera, Mobile) / रिकॉर्ड रखने के उपकरण (जैसे कैमरा, मोबाइल)
  12. Cream Separator Machine

इन सारे उपकरणों का अनुमानित खर्च 3 से 4 लाख रुपए के बीच होगा यदि पशुओं की संख्या 15 से 20 होगी।

फार्म के लिए कितने लोग (मैन पावर) होना चाहिए

यह इस बात पर डिपेंड करता है कि जानवर कितने हैं और एक कोई अनुभवी व्यक्ति का मार्ग दर्शन जरूरी है समय पर पशुओं का इलाज और स्वास्थ्य का ध्यान के साथ उनके खाने की गुणवत्ता देखनी होगी। बतौर एग्जाम्पल समझा जाए तो डेयरी में 2 से 3 लोगों की जरूरत होती है और अगर आप खुद मेहनत करने वाले किसान हैं तो कुछ हद तक मैन पावर के खर्च में कटौती हो सकती है।

  1. दूध निकालने के लिए: 1-2 लोग
  2. चारा खिलाने और पानी देने के लिए: 1 व्यक्ति
  3. सफाई और रखरखाव: 1-2 लोग
  4. स्वास्थ्य देखभाल और निगरानी: 1 व्यक्ति

20 जानवरों की डेयरी में 3 से 5 लोग पर्याप्त हो सकते हैं यदि आप दूध निकालने के लिए ऑटोमैटिक मिल्किंग मशीन का उपयोग करते हैं तो यह संख्या एक और कम हो जाएगी।

Milk Dairy Farm Investment, Income and Loan

उदाहरण के तौर पर 20 जानवरों के लिए हिसाब लगाएं तो जमीन अगर खुद की है तो शेड लगवाने से लेकर भूसा रखने, पानी और बिजली तक की उचित व्यवस्था में कम से 4 लाख रुपए तक का खर्च आएगा और जानवर की कीमत औसतन 60 से 70 हजार के लगभग माने तो 7 लाख के करीब होगा, इस तरह से आपके पास कम से कम 15 लाख की राशि का होना बढ़िया रहेगा।

Dairy Business Profit Investment government schemes

  1. पशुओं (गाय/भैंस) की खरीद: ₹40 से 75 हजार के बीच औसत
  2. शेड और इंफ्रास्ट्रक्चर: ₹1,00,000 - ₹2,00,000
  3. Milking मशीन और अन्य उपकरण: ₹1,00,000 - ₹2,00,000
  4. चारा और पशुओं का भोजन: ₹50,000 - ₹1,00,000 (सालाना)
  5. स्वास्थ्य देखभाल: ₹30,000 - ₹50,000
  6. मैनपावर की लागत: ₹1,20,000 - ₹2,40,000 (सालाना)
  7. बिजली और पानी का खर्च: ₹30,000 - ₹70,000 (सालाना)
  8. अन्य प्रशासनिक खर्च: ₹20,000 - ₹50,000
  9. मार्केटिंग और वितरण: ₹20,000 - ₹40,000

अगर पशुपालन के लिए लोन लेना हो तो सबसे पहले सरकार की कोई सब्सिडाइज्ड योजना के तहत लीजिए और यदि यह संभव न हो तो सरकारी ग्रामीण या नेशनल बैंकों से कम ब्याज दर पर ले सकते हैं। नीचे कुछ सरकारी योजनाओं का जिक्र है जो आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

  • NABARD द्वारा संचालित Dairy Entrepreneurship Development Scheme में 25 से 33 प्रतिशत की सब्सिडी पशुओं की खरीदारी सहित शेड या अन्य उपकरणों में प्रदान की जाती है।
  • Animal Husbandry Infrastructure Development Fund - AHIDF) द्वारा डेयरी उद्योग और पशुपालन के लिए सस्ती और आकर्षक ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध है।
  • नेशनल गोकुल मिशन द्वारा देशी पशुओं के संरक्षण व देखभाल के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMYY) के अंतर्गत 10 लाख तक के लोन का प्रावधान है।
  • पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत पाले गए पशुओं का इंश्योरेंस कराने पर सब्सिडी मिलती है।
  • KCC द्वारा किसान कम ब्याज दरों पर लोन ले सकता है व राष्ट्रीय डेयरी योजना के तहत प्रबंधन और कार्य क्षमता के बढ़ावा के लिए पैसा ले सकता है।

इन सब योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंकों अथवा संबंधित विभागों से जानकारी प्राप्त करनी होगी।

डेयरी फार्म में अगर प्रॉफिट की बात की जाए तो लागत का 25 से 35 प्रतिशत का मैक्सिमम प्रॉफिट निकलता है। दूध के अलावा इन सब फैक्टर से भी अपना मार्जिन बढ़ा सकते हैं।

  1. दूध की बिक्री
  2. दूध के उत्पादों की बिक्री (दही, पनीर, घी आदि)
  3. बछड़े और बछड़ियों की बिक्री
  4. गोबर और जैविक खाद की बिक्री
  5. बायोगैस उत्पादन
  6. प्रजनन सेवाएं (Breeding Services)
  7. चारा उत्पादन और बिक्री
  8. दूध की गुणवत्ता परीक्षण सेवाएं
  9. डेयरी प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर

हमारा भारत गांव का देश है जहां पशुपालन का प्रचलन बहुत प्राचीन है इसे उद्योग की श्रेणी में बहुत बाद में आया है पशु से लगाव देखभाल सब अनुभव का विषय है तो यह व्यापार भी धीरे धीरे आपको सीख देगा प्रैक्टिकल तौर पर इसलिए धीरे धीरे मुनाफा बढ़ेगा जल्दबाजी न करें।

निष्कर्ष:- 

डेयरी उद्योग की सफल योजना का ढांचा कैसे तैयार करें इस ब्लॉग के माध्यम से सीख सकते हैं पशुपालन, भारतीय ग्रामीण समाज का अभिन्न अंग है इसे व्यापार में बदलने की कुछ रणनीतियां बताई गई हैं जिन्हें आसानी से अपनाकर आप दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में एक आकर्षक और सुनहरा भविष्य बना सकते हैं। इस ब्लॉग में Milk Dairy उद्योग में लागत, कमाई और सरकारी योजनाओं के साथ व्यापारिक रणनीति और टिप्स बताई गई हैं।

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Amit Mishra

By Amit Mishra

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