Tiger Census Report 2023 : प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने पर बाघ गणना के पांचवें चरण की रिपोर्ट जारी

बाघ गणना रिपोर्ट 2023 परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण टॉपिक है चाहे स्टेट पीएससी हो या एसएससी जैसे प्रतियोगी एग्जाम इस टॉपिक से एक प्रश्न अवश्य पूछा जाता है।

Tiger Census Report 2023

टाइगर रिपोर्ट हर चार वर्ष की अवधि में प्रकाशित की जाती है आइए जानते हैं क्या है इस रिपोर्ट में विशेष और क्या है महत्त्वपूर्ण परीक्षाओं की दृष्टि से।

टाइगर रिपोर्ट 2023 का एनालिसिस

9 अप्रैल 2023 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री मैसूर विश्वविद्यालय में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय संघ की 5वीं रिपोर्ट जारी करते हैं और भारत में कुल बाघों की संख्या अब तक 3167 है और हमेशा की तरह मध्य प्रदेश को फिर से टाइगर स्टेट का दर्जा मिला, अर्थात मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ पाए जाते हैं।

indian tiger

1 अप्रैल 1973 को Project Tiger की शुरुवात हुई थी तब बाघों की संख्या 263 थी और वर्तमान में यह तब से 12 गुना ज्यादा है उस समय 9 टाइगर रिजर्व थे जबकि अभी इनकी कुल संख्या 53 है कुल विश्व के 75 प्रतिशत बाघ भारत में पाए जाते हैं।

टाइगर सेंसस की 5वीं गणना रिपोर्ट जारी

बाघ गिनती की पहली रिपोर्ट सन 2006 में जारी की गई थी उस समय टाइगर की संख्या 1411 थी और 2018(चौथी) की गणना में यह संख्या 2967 थी, 2018 से 2022 के बीच बाघों की संख्या में 6.97 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

  1. पहले चरण (2006) की गणना में बाघों की कुल संख्या 1411 थी।
  2. द्वितीय चरण (2010) में कुल टाइगर 1706 थे।
  3. तृतीय चरण (2014) की गणना अनुसार संख्या 2226 पहुंच गई।
  4. चतुर्थ चरण में (2018) में बाघों की गिनती 2967 तक पहुंच गई।
  5. पंचम चरण यानी कि लेटेस्ट 2023 में कुल टाइगर पूरे भारत में 3167 हैं।

बाघ संख्या की दृष्टि से शुरूवात के 10 राज्य

सबसे ज्यादा वन मध्यप्रदेश में पर जाते हैं और यह बाघों की संख्या में भी लगातार नंबर वन पर बना रहने वाला राज्य है यहां 2018 में बाघों की संख्या 526 थी जबकि वर्तमान में 785 है इसीलिए मध्यप्रदेश को "टाइगर स्टेट" कहा जाता है। दूसरे नंबर पर कर्नाटक व तीसरे पर उत्तराखंड है।

top 10 tiger states india

प्रतिवर्ष अगर बाघों की संख्या की बढ़ोत्तरी औसतन देखी जाए तो 6.1 प्रतिशत की है सबसे ज्यादा MP, Maharashtra और उत्तराखंड में इजाफा हुआ है गंगा के मैदानों और हिमालय की शिवालिक श्रेणियों में यह संख्या लगातार बढ़ रही है वहीं पश्चिमी भाग मिजोरम, नागालैंड, झारखंड, गोवा और अरुणाचल में कमी होना चिंतनीय है।

बाघ संख्या की दृष्टि से पहले 10 टाइगर रिजर्व

उत्तराखंड का जिम कार्बेट शीर्ष स्थान पर 260 संख्या के साथ काबिज है वहीं मध्यप्रदेश के 3 टाइगर रिजर्व टॉप 10 की सूची में शामिल है, लगभग 30 से 40 प्रतिशत बाघ अभयारण्य क्षेत्रो को पुनः पुनर्स्थापन तथा संरक्षण की जरूरत है।

top 10 tiger reserves

निष्कर्ष:-

बाघ हमारे देश भारत का “राष्ट्रीय पशु” है बाघों की गणना पग मार्क तकनीक तथा कैमरे से की जाती है यह गणना (WII) भारतीय वन्यजीव संस्थान और एनटीसीए द्वारा कराई जाती है। बाघ को बचाना पर्यावरण बचाने के साथ ही परिस्थितिक तंत्र के संतुलन को बरकरार रखना है क्योंकि बाघ खाद्य श्रृंखला के शीर्ष पर है जो जंगली जानवरों की आबादी को नियंत्रण रखता है।

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Amit Mishra

By Amit Mishra

नमस्कार! यह हमारी टीम के खास मेंबर हैं इनके बारे में बात की जाए तो सोशल स्टडीज में मास्टर्स के साथ ही बिजनेस में भी मास्टर्स हैं सालों कई कोचिंग संस्थानों और अखबारी कार्यालयों से नाता रहा है। लेखक को ऐतिहासिक और राजनीतिक समझ के साथ अध्यात्म,दर्शन की गहरी समझ है इनके लेखों से जुड़कर पाठकों की रुचियां जागृत होंगी साथ ही हम वादा करते हैं कि लेखों के माध्यम से अद्वितीय अनुभव होगा।

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