डॉक्टर नहीं बनना? 12वीं के बाद मेडिकल फील्ड में इन अनसुने कोर्स से बनाएं शानदार करियर!

अनुमान के मुताबिक भारत में हर वर्ष तकरीबन 30 से 35 लाख स्टूडेंट बायोलॉजी विषय के साथ 12वीं पास करते हैं और मेडिकल फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं इनमे से लगभग मेडिकल और पैरामेडिकल मिलाकर 2 लाख सीटों पर  एडमिशन भी हो जाते हैं ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या मेडिकल लाइन में केवल डॉक्टर ही बनना एक मात्र विकल्प है?

डॉक्टर नहीं बनना? 12वीं के बाद मेडिकल फील्ड में इन अनसुने कोर्स से बनाएं शानदार करियर!

मेडिकल फील्ड के ऑफबीट कोर्सेज के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं सरकारी संस्थानों में डॉक्टर बनने की फीस तो ठीक है लेकिन वहा पर सीटों की लिमिटेशन है और प्राइवेट कालेजों में पढ़ा पाना मध्यम वर्गीय परिवार की आर्थिक कमर तोड़ देता है ऐसे में अब प्रश्न यह उठता है कि कौन से मेडिकल कोर्सेज (Medical Courses Without NEET) हैं जिनको करने के बाद एक सफल कैरियर बनाया जा सकता है।

चिकित्सा क्षेत्र (Medical Field) के कुछ अपरंपरिक (Offbeat) कैरियर विकल्प 

इंटरमीडिएट बायोलॉजी से पास करने के बाद मुख्य धारा के कोर्सेज जैसे MBBS, BDS, B.Pharma और BAMS या BHMS के बारे में ही ज्यादातर लोग जानते हैं और जो लोग इन परंपरागत पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं ले पाते हैं तो उन्हें लगता है कि करियर ही खत्म है लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है हम आपको चिकित्सा क्षेत्र के कुछ विकल्प बताएंगे जिनमे एडमिशन लेकर शानदार करियर बना सकते हैं तो आइए जानते हैं सरल भाषा में इन विकल्पों के बारे में।

Occupational Therapy (ऑक्यूपेशनल थेरेपी)

यह एक प्रकार की थेरेपी का कोर्स है जो लोग शारीरिक, मानसिक या सामाजिक रूप से विकलांग हैं और इस कारण से वह अपने दैनिक जीवन में डेली रूटीन वाले काम करने में असफलता महसूस करते हैं तब इस थेरेपी की हेल्प से पेशेंट को उसको स्वस्थ्य करने में सहायता की जाती है।

Occupational Therapy Course: Empowering Lives Through Rehabilitation

उदाहरण के तौर पर मानसिक विकलांग बच्चों के लिए यह थेरेपी बहुत कारगर है और अगर किसी जवान व्यक्ति का एक्सीडेंट या चोट की वजह से मानसिक संतुलन बिगड़ गया है तो रोगी को इस चिकित्सीय पद्धति से ठीक किया जाता है. बच्चों, वयस्क और बुजुर्गों सभी उम्र के लिए यह कारगर है।

  • इस कोर्स का नाम "Bachelor Of Occupational Therapy" और शॉर्ट में इसे 'BOT' कहते हैं इसकी अवधि साढ़े चार साल की होती है।
  • इस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए 12वीं PCB से किया हो और इसकी फीस प्रतिवर्ष औसतन 60 से 70 हजार के करीब है।
  • इसमें एडमिशन के लिए कोई एंट्रेंस एक्सल नही होता है कॉलेज मैरिट के आधार पर चयन करते हैं।
  • करियर संभावनाओं में आप खुद का क्लिनिक के अलावा स्कूलों में विशेष शिक्षा और पुनर्वास केंद्र (Rehabilitation Centre) में नौकरी के अवसर मिलते हैं।

Orthotics and Prosthetics में बनाएं करियर

यह कोर्स डिग्री और डिप्लोमा दोनो में उपलब्ध है ऑर्थोटिक्स का काम शरीर के अंगों में किसी प्रकार की विकृति हो जाने पर उनके सपोर्ट के लिए कृत्रिम उपकरणों का निर्माण करने के साथ उन्हें रोगी के शरीर पर फिट करना है उदाहरण के तौर पर मान लीजिए किसी के घुटने डैमेज होने की कगार पर हैं और उसे चलने में तकलीफ मेहसूस होती है ऐसे में आर्थोपेडिक ब्रश का निर्माण रोगी के पैरों के माप के अनुसार ऑर्थोटिक्स द्वारा किया जाता है। जैसे बैक सपोर्ट और स्प्लिंट्स जैसी चीजों का निर्माण।

Orthotics and Prosthetics Course: Transforming Lives with Advanced Solutions

प्रोस्थेटिक्स का काम ऐसे लोगों के लिए कृत्रिम अंगों का निर्माण करना है जो किसी दुर्घटना या हादसे की वजह से अपना कोई शरीर का अंग खो चुके हैं जैसे हांथ या पैर का कट जाना उनकी जगह पर कृत्रिम हाथ या पैर का निर्माण कर लगाना।

  • यह कोर्स 4 साल का होता है और इसे Bachelor in Prosthetics and Orthotics (B.P.O.) कहा जाता है।
  • इसकी अवधि 4 वर्ष की होती है 3-3 महीने की ट्रेनिंग होती है।
  • इस पर डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध है लेकिन ज्यादातर लोग डिग्री को ही प्रेफर करते हैं।
  • इस कोर्स को करने के बाद हड्डियों के अस्पतालों में नौकरी या खुद का पुनर्वास केंद्र खोल सकते हैं।
  • 12वीं में 50 प्रतिशत के साथ PCB विषय होना अनिवार्य हैं कुछ टॉप के कॉलेज को नीट द्वारा प्राप्त किया जा सकता है लेकिन सामान्य कालेजों में मेरिट और मैनेजमेंट कोटे से एडमिशन मिलता है।

Biomedical Engineering में है भविष्य

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में करियर बनाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है समय के साथ इस फील्ड में बहुत सारी करियर संभावनाएं जुड़ी हुई है।

Biomedical Engineering Course: Designing Innovative Solutions for Healthcare

यह एक डिग्री कोर्स है जिसे करने के बाद कृतिम अंग और एमआरआई स्कैन मशीनों जैसे उत्पादों की डिजाइन की जाती है  हार्ट अटैक के उपकरणों के निर्माण में इस क्षेत्र के लोगों का अहम योगदान है।

  • इस डिग्री कोर्स के लिए PCB या PCM विषयों से 12वीं पास होना कंपल्सरी है।
  • Bachelor of Biomedical Engineering कोर्स की अवधि 4 साल की होती है।
  • मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनियां या अस्पतालों में आसानी से नौकरी पा सकते हैं साथ ही अनुसंधानों में रिसर्च क्षेत्र में अपना करियर चुन सकते हैं।

Medical Lab Technology 

मेडिकल लैब टेक्नीशियन उभरता हुआ विकल्प है और इस पर सफल करियर की अपार संभावनाएं विकसित हो रही हैं विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए Diagnostics Centre में बतौर तकनीकी हेड के रूप में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

Medical Laboratory Course: Analyzing Samples to Improve Patient Care

  • Bachelor of Medical Laboratory Technology (BMLT) के कोर्स की अवधि 3 साल की होती है।
  • अभ्यर्थी का पीसीबी विषय में 12वीं क्लास में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
  • करियर संभावनाओं में किसी भी मेडिकल लैब में तकनीशियन का पद और रिसर्च सेंटर में नौकरी की संभावना है।

Radiology and Imaging Technology

X-Ray, Ultrasound, MRI और CT स्कैन जैसी मेडिकल जांचों में चोंट या दिक्कतों की पहचान करने वाला महत्त्वपूर्ण पद है ये, जितनी भी इस प्रकार की जांचें होती हैं इन्हीं के सुपरविजन में होती हैं आपने देखा होगा रिपोर्ट्स में नीचे एक हस्ताक्षर होता है वह इन्ही के द्वारा किया जाता है यह एक महत्त्वपूर्ण पद है।

Radiology and Imaging Technology Course: Advanced Techniques for Diagnosing Diseases

  • B.Sc. in Radiology and Imaging Technology का कोर्स 3 वर्ष की अवधि का होता है।
  • अस्पतालों और डायग्नोस्टिक रिसर्च सेंटर में नौकरी की अपार संभावनाएं हैं।
  • 12th में किसी भी संस्थान से फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
  • MRIT का कोर्स करने के बाद रेडियोलॉजिस्ट की पोस्ट प्राप्त होती है जो मेडिकल क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है।

Speech and Language Therapy Course 

यह कोर्स स्पीच लैंग्वेज थेरेपी स्पेशलिस्ट बनाता है जिसके अंतर्गत उन बच्चों को थेरेपी देने का काम किया जाता है जो जन्म या किसी कारण वश बोलने में असक्षम है उनकी स्पीच मांसपेशियों की एक्सरसाइज और प्रैक्टिस कराकर उन्हें ठीक किया जाता है।

Speech and Language Therapy Course: Helping Individuals Overcome Communication Challenges

ऐसे लोग जो किसी दुर्घटना या हादसे की वजह से बोलने में सक्षम नहीं हैं ऐसे लोगों का इलाज स्पेशलिस्ट के माध्यम से किया जाता है।

  • Bachelor of Audiology and Speech-Language Pathology (BASLP) की अवधि 4 वर्षो की होती है।
  • इंटरमेडियट 50 प्रतिशत अंकों के साथ पीसीबी विषय से उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
  • पुनर्वास केंद्र, एनजीओ और अस्पतालों में करियर के सुनहरे अवसर मिलते हैं।

B.Sc. Nursing (बीएससी नर्सिंग)

इस फील्ड में बहुत ज्यादा स्कोप है और सरकारी नौकरी की तलाश है तो इससे सम्बंधित सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट दोनो में वेकेंसी निकलती है, यह एक प्रकार का नर्स बनने का कोर्स है इस डिग्री को करने के बाद हॉस्पिटल में अच्छे वेतनमान के साथ नौकरी मिल जाती है और इनका रोल सर्जरी से लेकर मरीज की देखभाल तक रहता है।

B.Sc. Nursing Course: Building Skills for Patient Care and Healthcare Excellence

  • 12वीं बायोलॉजी विषय से 50 प्रतिशत अंकों में पास होना अनिवार्य है।
  • दुबई, सिंगापुर, यूएसए जैसे देशों में भी इसमें करियर बनाया जा सकता है समय समय पर वहां वेकेंसी निकलती रहती हैं।
  • इस जॉब के सम्मान और सिक्योरिटी के साथ अच्छी सैलरी भी मिलती है।
  • इंडस्ट्रियल नर्स, नर्सिंग ऑफिस व सुपरवाइजर व कम्युनिटी हेल्थ जैसी पोस्ट मिलती हैं।

Physiotherapy (फिजियोथेरपी)

यह वर्तमान में सबसे ज्यादा उभरता हुआ पेशा है भारत में लगभग एक तिहाई जनसंख्या चोटों और मोच से लगभग परेशान रहती है ऐसे में इस फील्ड का बूम मरना स्वाभाविक है इसके शारीरिक समस्या से जूझ रहे मनुष्यों को सामान्य करने में मदद की जाती है जैसे गर्दन में अंकड़न हो जाना, पैरों की मोच या कंधे का उतर जाना जैसी चीजों का इलाज किया जाता है।

Physiotherapy Course: Techniques for Rehabilitation and Pain Management

  • इसके कोर्स को BPT (Bachelor of Physiotherapy) कहा जाता है।
  • फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषय के साथ न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से  इण्टर पास होना चाहिए।
  • करियर ग्रोथ में स्पोर्ट्स फिजियो,  न्यूरो, पीडिया यानी बच्चों को थेरेपी और ऑर्थो मतलब हड्डियों और मांसपेशियों में खिंचाव में स्पेशलिटी मिलती है जिससे की अलग अलग फील्ड में नौकरी के सुनहरे अवसर मिलते हैं।
  • और आगे करियर बनाने के लिए इसकी मास्टर डिग्री MPT करके Ph.D. भी कर सकते हैं।

Ophthalmic Science (ऑप्थाल्मिक साइंस)

इस कोर्स में आंखों संबन्धित बीमारियों की देखभाल और इलाज करना होता है जांच से लेकर रोग की पहचान करना इनका काम होता है, इसमें डिग्री व डिप्लोमा कोर्स दोनो होता है।

Ophthalmic Course: Training in Eye Examination and Vision Correction Techniques

  • पीसीबी के साथ हायर सेकेंडरी की कक्षा 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए।
  • डिप्लोमा कोर्स 2 से 3 वर्ष का और डिग्री 4 साल में कंपलीट होती है।
  • नेत्र सहायक से लेकर टेक्नीशियन और ऑप्ट्रोमेट्रिसट बना जा सकता है भारत समेत पूरे विश्व में इस कोर्स करने वालों की भारी डिमांड है।

Dental Hygienist (डेंटल हाइजीनिस्ट)

आप अगर डेंटिस्ट के साथ गए होंगे तो वहां पर आपके दातों का एक्सरे से लेकर उनकी सफाई क्लिनिक के ही स्टाफ ने की होगी, यही स्टाफ डेंटल हाईजीनिस्ट कहलाते हैं।

Dental Hygienist Course: Skills for Promoting Dental Hygiene and Patient Care

  • पीसीबी विषय इन्टर में कंपलसरी है ज्यादातर कॉलेजों में एडमिशन मेरिट के आधार पर होता है।
  • यह डॉक्टर के साथ क्लिनिक में मिलकर काम करते हैं।
  • इस फील्ड में करियर स्थिर है इनकी हमेशा डिमांड रहती है।
  • हॉस्पिटल, शिक्षण संस्थान और फ्रीलांसिंग में कैरियर संभावनाएं हैं।
  • डिप्लोमा 2 वर्ष का होता है वहीं डिग्री, बैचलर ऑफ साइंस (B.Sc.) इन डेंटल हाइजीन 3 से 4 सालों का होता है।

निष्कर्ष:-

आज के बदलते समय में करियर का चुनाव एक पेचीदा सवाल है और अगर आप मध्यम परिवार से हैं कम पैसे वाले कोर्स पहली प्रायोरिटी होती है बहुत लोगों का सपना होता है डॉक्टर बनना लेकिन नही बन पाते हैं ऐसे में इन पाठ्यक्रमों से मेडिकल फील्ड में जुड़ने का मौका मिलेगा।

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यह जितने भी कोर्स हैं इनके बारे के बहुत कम लोगों को जानकारी होती है तो इसे साझा करें और करियर बनाने में हेल्प हो सके, और इस लेख से सम्बंधित कोई और जानकारी के लिए टिप्पणी बॉक्स में आपका स्वागत रहेगा।

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Amit Mishra

By Amit Mishra

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