आज के प्रदूषित वातावरण व खान पान ने मानव जाति को अनेकों प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से घेर लिया है आज भारत में 50 से 60 प्रतिशत लोग पाचन तंत्र की जैसे कब्ज, एसिडिटी, अल्सर, लीवर सूजन की जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है WHO ने पाचन संबंधी विकारों के लिए नीति व गाइडलाइन जारी कर चुका है।
साल 2019-20 में केवल अमेरिका में ही पाचन व पर संबंधी रोगों से 3 लाख लोगों की मृत्यु का आंकड़ा बताया जा रहा है। असल में यह कोई बीमारी नहीं है लेकिन लंबे समय तक इस समस्या के बने रहने से असाध्य रोगों में तब्दील हो जाती है इस ब्लॉग में उपाय बताएंगे कि घरेलू व आयुर्वेदिक उपायों, बेहतर दिनचर्या से Lose Digestive System को मजबूत किस प्रकार बनाया जा सकता है।
मजबूत पाचन तंत्र: शरीर की स्वस्थता का केंद्र बिंदु
भारतीय परिवेश में एक कहावत है कि "पेट स्वस्थ तो सब शरीर स्वस्थ" अर्थात पूरे शरीर का हेल्दी होना इस बात पर निर्भर करता है कि आपका डाइजेस्टिव सिस्टम कितना अच्छे से काम करता है। आयुर्वेद ग्रंथों में उल्लिखित है कि "रोगा: सर्वे अपि मंदाग्नौ" अर्थात सभी रोगों का जन्म पेट की कमजोर अग्नि से होता है। नीचे कुछ आयुर्वेदिक (Paachan Tantra Ko Majboot Kaise Karen) उपाय बताने जा रहे हैं जो आपके पाचन तंत्र क्रिया में सुधार करने में सहायता करेगा।
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पाचन तंत्र सुधारने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे व खाद्य पदार्थ
पेट को स्वस्थ्य रखने के लिए कुछ रूटीन और साथ में इन उपायों का प्रयोग कर सकते हैं।
- जब भी भोजन करें तो सबसे पहले अच्छी तरह उसे चबाएं, मुंह में आधा खाना पाचन योग्य बन जाता है और सलाइवा यानि कि लार भोजन में अच्छी प्रकार से मिल जाती है तो वह भोजन को पचाने में सहायता करती है।
- सुबह जागने के बाद सबसे पहले हल्का गरम पानी पिएं जो आपके पेट को साफ करने में मदद करेगी।
- अगर आप चाय के शौकीन हैं तो दूध वाली चाय को न पीएं उसमें नींबू के साथ शहद मिला सकते हैं जो आपके पेट के लिए फायदेमंद होगी।
- पपीता का सेवन करने से गैस, एसिडिटी और कब्ज में राहत मिलती है और मोशन साफ होते हैं।
- जीरा पानी, अजवाइन का पानी और देशी घी, पुदीना की चटनी खाना फायदेमंद होगा।
- अपनी दिनचर्या में पवनमुक्तासन, भुजंगासन, वज्रासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन, मलासन जैसे योग आसनों को शामिल कीजिए जो पेट के साथ पूरे शरीर को मजबूत बनाएंगे।
- फाइबर युक्त फल जैसे सेब, नाशपाती, केला और सब्जियों में गाजर, ब्रोकली, पलक इत्यादि, चना, मूंग, बादाम और अलसी जैसे अनाज का सेवन करने से पाचन क्रिया मजबूत होती है।
- दिन भर में कम से कम एक से दो किलोमीटर पैदल चलना अपने डेली रूटीन में शामिल करें व भोजन के बाद कम से कम एक घंटे तक पानी न पीएं क्योंकि तुरंत पानी पीना जठराग्नि को नष्ट कर देगी और भोजन की ऊर्जा पूरी तरह शरीर को नहीं मिल पाएगी।
पाचन तंत्र मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवाएं
आयुर्वेद में पाचन कमजोर होने का अर्थ होता है पेट की अग्नि यानी "जठराग्नि" का कमजोर होना होता है अतः इसे मजबूत करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवाएं बताई जा रहीं है जिनका सेवन करने से जड़ से इन समस्याओं से निदान मिल सकता है।
- अविपत्तिकर चूर्ण का प्रयोग पेट के असाध्य रोगों को भी हर लेता है पेशाब और जलन के साथ कब्ज एसिडिटी के लिए रामबाण औषधि है आप इसे घर पर भी बना सकते हैं, सोंठ, काली मिर्च, पिपली, हरड़, बहेड़ा, आंवला, विदंगा, और जीरा की 10-10 ग्राम की मात्रा लेकर पीस कर चूर्ण बनाकर रख लें और खाना खाने के पहले 1 से 2 ग्राम यानी कि लगभग एक चम्मच का सेवन दिन में दो बार करें।
- त्रिफला चूर्ण का सेवन डाइजेशन के अलावा शरीर के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं इसे अपने डेली रूटीन में शामिल करें, हरण, बहेडा और अमला को मिलकर यह चूर्ण बनता है रात में खाना खाने के बाद इसे गरम पानी से एक चम्मच ले सकते हैं।
- हरितिकी अथवा हरड़ का मुरब्बा बहुत गुणकारी और लाभकारी है।
- आमला का मुरब्बा लेवें, और सनाय की पत्तियों को सुखाकर उसकी गोलियां बनाएं और रोजाना सोते वक्त दो गोलियों का सेवन हाजमा को दुरुस्त करेगा।
- हिंगवाष्टक चूर्ण बाजार से किसी आयुर्वेदिक कंपनी का लें, अजवाइन का अर्क, शंख भस्म भी पेट के लिए लाभदायक हैं।
निष्कर्ष
पाचन का कमजोर होना आज के वातावरण और खानपान के माहौल में बहुत आम बात हो गई है इस ब्लॉग में घरेलू उपाय के साथ खानपान व दिनचर्या और आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जानकारी दी गई है अगर आप अपच या पेट की भिन्न समस्याओं से ग्रसित हैं तो इनका प्रयोग करना लाभदायक हो सकता है किंतु वैदिकी परामर्श के अनुसार दवाएं लेना ज्यादा लाभकारी सिद्ध होगा, आप किस प्रकार के पेट रोग से ग्रसित हैं कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।