आज पूरा विश्व का डिजिटलाइजेशन हो चुका है जहां एक तरफ इस तकनीकी युग में रहा सहन से लेकर सारी सुविधाओं तक को आसान बनाया है वहीं एक तरफ इसकी कुछ कमियां भी रही हैं इस डिजिटल कड़ी का एक पहलू ऑनलाइन पेमेंट है जिसने एक तरफ पैसों का लेन देन आसान तो बनाया है वहीं दूसरी तरफ इसमें अगर सावधानी नहीं बरती गई तो वित्तीय फ्रॉड का भी सामना करना पड़ रहा है।
NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर दिन लगभग 7000 से ज्यादा घटनाएं साइबर फ्रॉड से जुड़ी हुई शिकायतें दर्ज की जाती है ऐसे में दुकानदार या व्यापारी वर्ग भी इनसे अछूता नहीं रह गया है इसलिए जरूरी है हो गया कि जागरूकता के साथ साथ पेमेंट लेने के समय सावधानी बरती जाए तो इस ब्लॉग में जानते हैं कि कैसे इस धोखा धडी से बचाव किया जाए और फर्जी ऐप्स या पेमेंट मोड की पहचान कैसे करें।
फर्जी पेमेंट की पहचान कैसे करें
नकली पेमेंट वाले एप्लीकेशन इंटरनेट में बहुत आसानी से मिल जाते हैं लेकिन इनको पहचानना और बचने के लिए मर्चेंट्स को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि
- नकली ऐप का यूजर इंटरफेस हमेशा असली जैसा ही होगा लेकिन कहीं न कहीं उसकी स्पेलिंग में एक दो शब्द अलग होंगे।
- जब भी आप प्ले स्टोर से कोई एप्लीकेशन डाउनलोड करें तो सबसे पहले उसकी रेटिंग और रिव्यू अवश्य पढ़ें।
- पेमेंट ऐप हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से ही लिंक डाउनलोड करें।
- अपने फोन या कोई भी पर्सनल इनफॉर्मेशन का एक्सेस बिना समझें न देवें।
- यदि कोई ग्राहक बहुत जल्दी में है तो पहले पेमेंट के रिसीव करने की पुष्टि कर लें।
- नकली पेमेंट ऐप्स की भी नोटिफिकेशन असली जैसी होती है तो पहले अपना बैलेंस चेक करें।
- यदि पेमेंट फंसा हुआ बताया जा रहा है तो पेमेंट रिसिप्ट के नंबर या ट्रांजैक्शन आईडी को अपने बैंक में बताकर जांच करा लें।
व्यापारियों के लिए सुरक्षित ट्रांजेक्शन उपाय
बैंकिंग लेन देन से लेकर सामान्य ग्राहक तक का हिसाब अब डिजिटल करेंसी के तौर पर हो रहा है इसलिए मर्चेंट को चाहिए कि अपनी पेमेंट की सुरक्षा निम्लिखित बिंदुओं के अनुसार करे ताकि ठगी का शिकार होने से बचे।
- 2FA यानी कि Two Factor Authentication ऑन करना जरूरी है यह एक पेमेंट सुरक्षा प्रणाली है जिसके तहत पहले डिवाइस का पासवर्ड डालना होगा और दूसरा स्टेप ओटीपी के रूप में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त होगा।
- मर्चेंट हमेशा सुरक्षित पेमेंट गेटवे का चयन करें, जब भी मर्चेंट की वेबसाइट पर कोई ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से पेमेंट करता है तो ग्राहक के खाते से व्यापारी के बैंक अकाउंट तक पैसा पहुंचाना गेटवे का ही काम होता है, इसी गेटवे के थ्रू हैकर पेमेंट हैक करने की कोशिश करते हैं।
- बैंक के ट्रांजैक्शन का अलर्ट और नोटिफिकेशन हमेशा ऑन रखना चाहिए।
- नेट बैंकिंग, वेबसाइट और फोन के सारे सिक्योरिटी पासवर्ड समय समय पर अपडेट या बदलाव करते रहें।
फर्जी पेमेंट धोखाधड़ी की शिकायत कहां दर्ज करें
ऊपर लिखी सावधानी के बाद भी बैंक से राशियां कट जाती है और व्यापारी परेशान होता है कि इस बात की शिकायत कहां दर्ज कराए तो ऐसे में इन जगह पर कंप्लेंट तत्काल रजिस्टर्ड करवाएं।
- पेमेंट के फ्रॉड होने पर सबसे पहले अपने बैंक के ऑफिशियल कस्टमर केयर को तुरंत फोन लगाएं और सारी डिटेल बताएं, और अगर संभव हो तो बैंक की ब्रांच में पहुंच कर शिकायत दर्ज कराए।
- सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 में कॉल करके सूचित करना चाहिए।
- सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर जाकर अपनी सारी डिटेल भरकर रिपोर्ट दर्ज करवाएं।
- अगर फोन पर कोई पेमेंट लिंक या बैंकिंग संबंधित सम्बन्धी संदिग्ध मैसेज प्राप्त होता है या कोई बैंक का अधिकारी बताकर बात करता है तो इसकी शिकायत सरकार के Sancharsathi.gov.in के चक्षु पोर्टल पर जाकर करना है।
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निष्कर्ष
मर्चेंट को सबसे पहले विश्वसनीय बैंक में खाते के साथ जागरूक होना भी जरूरी है और बैंकिंग लेन देन की तकनीक से वाकिफ होना चाहिए, समय समय पर बदलते पैटर्न और सावधानियों को समझना पड़ेगा और अगर किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ा तो तुरंत ही बैंक व ऊपर दिए गए पोर्टल को जानकारी देनी होगी, इसमें सावधानी ही सुरक्षा है। अगर आप भी किसी तरह के साइबर फ्रॉड के शिकार हुए हैं तो उसके बारे में जानकारी अवश्य दें और अपने इस मुश्किल में क्या प्रोसेस अपनाया, कमेंट कर जरूर बताएं।