प्राचीन काल से ही हम भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा पर विश्वास करते आए हैं इसीलिए प्रकृति को भगवान का दर्ज दिया जाता है क्योंकि यह भोज्य पदार्थों से लेकर स्वास्थ्य लाभ में भी सहायक है।
प्राकृतिक जड़ी बूटियों की पद्धति से इलाज ही आयुर्वेद है आज भी हजारों पौधे और फल हैं जिनसे असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं ऐसा ही एक जड़ीबूटी जिसे चोपचीनी या चोबचीनी कहा जाता है इस ब्लॉग में हम जानेंगे चोपचीनी चूर्ण के फायदे, नुकसान और इसके पौधे की खासियतों के बारे में।
चोपचीनी क्या है?
चोपचीनी एक बेलनुमा पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है इसका वैज्ञानिक नाम Smilax China और अंग्रेजी में इसे China Root के नाम से भी जाना जाता है इस पौधे के गुणों का बखान कई आयुर्वेद ग्रंथों में मिलता है इसकी तासीर गर्म होती है इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।
इसे चूर्ण या पाउडर और काढ़े के रूप में इस्तेमाल किया जाता है इसके जड़ को पीसकर (Chopchini/Chobchini Powder Benefits) चूर्ण बनाकर लेने से कई प्रकार के लाभ होते हैं, इसकी जड़ें खुरदुरी और गांठदार होती हैं यह जड़ीबूटी उत्तराखंड, वेस्ट बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के घने जंगलों में पाई जाती है आइए जानते हैं कि चोपचीनी या चोबचीनी जड़ी बूटी किस काम आती है और इसके फायदे क्या हैं।
चोपचीनी चूर्ण के फायदे
चोपचीनी के पाउडर (Chopchini Benefits in Hindi) के उपयोग से अनेकों मर्ज में लाभ प्राप्त होता है इसे दिनचर्या में शामिल करने से यह इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करता है, यह कफ, पित्त और वात को संतुलित करता है पेट से लेकर त्वचा तक इसके अनेकों फायदे हैं।
जोड़ों के दर्द में रामबाण
चोपचीनी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया जैसे रोगों में कारगर है साथ ही यह उसके सुजन को कम करता है और दर्द में राहत पहुंचाता है, चोबचीनी का पाउडर एक या दो ग्राम के साथ एक गिलास गर्म दूध का सेवन करें।
सिरदर्द के लिए उपयोगी औषधि
सर दर्द एक आम समस्या है यह कई प्रकार का हो सकता है इससे हमेशा छुटकारा पाने के लिए चोपचीनी का एक चम्मच चूर्ण को मक्खन, मिश्री के साथ मिलाकर लेने से कुछ ही दिनों में राहत मिलती है।
त्वचा रोगों में कारगर
त्वचा रोगों में इसे लगाने और खाने दोनों प्रकार से रोगमुक्त करता है इसकी जड़ को हल्के पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें और झाइयां रूखापन या अन्य प्रकार के रोगों वाली जगह पर लगाने से लाभ मिलता है साथ ही चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर सेवन करें।
यूरिक एसिड को कम करता है
यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में असहनीय दर्द होता है प्रतिदिन एक चम्मच Chopchini ke Churn को दोनों टाइम दूध या गरम पानी से लें। चोबचीनी का पाउडर, अर्जुन की छाल, मेथी दाने और गिलोय का पाउडर इन सभी को पचास पचास ग्राम लेकर सभी को मिलकर एक चूर्ण बनाएं और प्रतिदिन एक चम्मच खाएं जिससे यूरिक एसिड की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी।
पाचन तंत्र और डायबिटीज में भी फायदेमंद
चोपचीनी के इस्तेमाल से शारीरिक दुर्बलता तो दूर होती ही है साथ ही यह पेट के पाचन वाले ऑर्गन जैसे लीवर को मजबूत करता है और पित्त की समस्या को खत्म करता है साथ ही आंतों की बीमारी को भी दूर करता है।डायबिटीज रोगी एक चम्मच चूर्ण को एक गिलास पानी में डालकर उबाल लें जब पानी आधा रह जाए तब खाली पेट इसका नियमित सेवन करें।
सिफलिश और लकवा बीमारी में लाभकारी
इसका रासायनिक गुण वात को कंट्रोल करता है और लकवा बीमारी वात के असंतुलन से होती है चोपचीनी के पाउडर का उपयोग ठीक होने में सहायता करेगा। सिफलिश की वजह वात, पित्त और कफ का असंतुलन है जिसे यह चूर्ण संतुलित करता है जिससे यह बीमारी ठीक होने लगती है।
भगंदर और स्वप्नदोष जैसे रोगों में लाभप्रद
फ़िस्तुला या भगंदर में चोपचीनी के चूर्ण को मिश्री और घी के साथ मिलाकर सेवन करें और इसके बाद देशी गाय का एक गिलास दूध पिएं। इसी विधि से पुरुषों के जल्दी वीर्य पात जैसे रोगों में भी लाभ प्राप्त होगा।
चोपचीनी चूर्ण या पाउडर के उपयोग से होने वाले नुकसान
वैसे तो आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से न के बराबर नुकसान होते हैं किंतु इनकी अति या अधिकता से कुछ समस्याएं अवश्य खड़ी हो सकती हैं जैसे कि
- इसके उपयोग से कुछ लोगों के शरीर में ईचिंग या एलर्जी जैसे सिम्पटम्स देखने को मिल सकते हैं इसीलिए वैदिकी परामर्श अवश्य लें।
- इसकी अधिकता से दस्त या डायरिया की शिकायत होने के साथ ही हाजमा बिगड़ सकता है।
- इसकी गरम तासीर प्रेगनेंट महिलाओं के प्रसव को नुकसान पहुंचा सकती है इसीलिए इसका सेवन गर्भावस्था में वर्जित है।
चोपचीनी के उपयोग का तरीका और कहां से खरीदें
चोपचीनी के पौधे में औषधीय गुण इसके जड़ों में पाया जाता है पौधे को उखाड़कर जड़ को धूप में सुखाया जाता है ताकि नमी पूरी तरह से खत्म हो सके फिर साफ करके बारीक पीसकर चूर्ण तैयार किया जाता है सबसे उत्तम वरायटी पीली और गुलाबी जड़ों की होती है।
इसके चूर्ण से पेस्ट, काढ़ा के साथ अन्य जड़ीबूटियों का मिश्रण कर दवाएं तैयार की जाती है जो कई बीमारियों में लाभकारी हैं। चोपचीनी पाउडर अमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट जैसे शॉपिंग प्लेटफॉर्म या किसी पंसारी की दुकानों से आसानी से खरीदा जा सकता है।
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निष्कर्ष
आयुर्वेद की जड़ी बूटियों की गुणवत्ता व उनकी शुद्धता आधुनिक समय में थोड़ा कमजोर हुई है इसीलिए पूरी तरह लाभ के लिए सेवन विधि और मात्रा के बारे में जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि सही से न लेने पर परिणाम आशा के अनुरूप नहीं होंगे इसीलिए वैदिकी परामर्श जरूरी है, अगर आप पाठकों में से किसी ने इस जड़ी बूटी से किसी भी रोग का उपचार किया है तो कमेंट में अपना अनुभव अवश्य साझा करें।