C Sankaran Nair : ब्रिटिश हुकूमत की पुंगी बजाने वाले वकील, Kesari 2 में Akshay Kumar का दमदार रोल

जब हम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को पढ़ते हैं, तो आमतौर पर बैटल और जन आंदोलनों की कहानियाँ मिलती हैं, देखा जाए तो नायकों और जनता का मिला जुला साथ अंग्रेजी हुकूमत की नींव को हिला पाने में सक्षम था बहुत कम लोग ऐसे हुए जिन्होंने अकेले अपने दम पर ब्रिटिश सत्ता के नाक में दम कर दिया।

C Sankaran Nair : ब्रिटिश हुकूमत की पुंगी बजाने वाले वकील, Kesari 2 में Akshay Kumar का दमदार रोल

लेकिन कुछ ऐसे भी नायक थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन को न्यायपालिका और तर्क के माध्यम से चुनौती दी, और उनके कामकाज और जुर्म की दास्तान को कटघरे में खड़ा किया। सी.शंकरन नायर ऐसे ही एक साहसी व्यक्ति थे, जिनकी कहानी अब फिल्म ‘केसरी 2’ के जरिए सामने आने जा रही है।

कौन थे सर चेट्टूर शंकरन नायर

सी. शंकरन नायर एक कुशल वकील, न्यायाधीश के साथ बेहतरीन सियासी शख्सियत और ब्रिटिश शासन के अंतर्गत काम करने वाले उच्च पायदानों पर पदस्थ भारतीयों में से एक थे। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की, 1897 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, 1908 में मद्रास हाईकोर्ट में न्यायाधीश और एडवोकेट जनरल के साथ ब्रिटेन की वायसराय कमेटी में सदस्य रहे और समस्त भारत में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया, लेकिन जब फिरंगियों ने देश के आत्मसम्मान को चोट पहुंचाई तो उन्होंने ब्रिटिश सत्ता को ठोकर मार दी।

विवरण जानकारी
पूरा नाम सर चेट्टूर शंकरन नायर – एक निडर वकील जिन्होंने ब्रिटिश सरकार की खुलकर आलोचना की।
जन्म 11 जुलाई 1857, केरल के मंकड़ा गांव में।
मृत्यु 24 अप्रैल 1934, मद्रास (अब चेन्नई)।
पेशा वकील, लेखक, न्यायविद और स्वतंत्रता समर्थक नेता।
प्रमुख पद कांग्रेस अध्यक्ष, उच्च न्यायालय के जज, वायसराय परिषद के सदस्य।
शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज और मद्रास लॉ कॉलेज से पढ़ाई।
प्रमुख योगदान जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में इस्तीफा, ‘Gandhi and Anarchy’ किताब के लेखक।
सम्मान 1904 में CIE और 1912 में नाइटहुड की उपाधि मिली।
आगामी फिल्म ‘Kesari Chapter 2’ में अक्षय कुमार शंकरन नायर का किरदार निभा रहे हैं।

जलियांवाला बाग पर उनका विरोध और इस्तीफा

13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में जनरल डायर के नेतृत्व में जो नरसंहार हुआ, उसने पूरे देश को हिला दिया था, इस हत्याकांड के बाद जब बाकी सत्ता संस्थान खामोश थे, तब सी. शंकरन नायर ने एक अप्रत्याशित कदम उठाया — उन्होंने ब्रिटिश सरकार की काउंसिल से इस्तीफा दे दिया और ब्रिटिश कोर्ट में ही डायर समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा कर दिया।

C Sankaran Nair : ब्रिटिश हुकूमत की पुंगी बजाने वाले वकील, Kesari 2 में Akshay Kumar का दमदार रोल

यह कदम सिर्फ एक विरोध नहीं था, बल्कि एक संदेश था कि न्याय और मानवता की लड़ाई के लिए हर सक्षम व्यक्ति को खड़े होना चाहिए चाहे लड़ाई सत्ता के विरुद्ध ही क्यों न हो।

फिल्म ‘केसरी 2’ किस एंगल से उनकी कहानी दिखाएगी?

फिल्म ‘केसरी 2’ जहां पहले पार्ट में 1897 की सारागढ़ी की लड़ाई को दिखाया गया था, वहीं अब  दूसरे भाग में एक न्यायिक लड़ाई और राजनैतिक संघर्ष की कहानी है। यह फिल्म भारत के इतिहास के उस हिस्से को उजागर करेगी जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया गया था, फिल्म में अक्षय कुमार ने सर शंकरन की भूमिका निभाई है और वह अदालत में वकील बनकर जलियांवाला बाग में हुए संहार के खिलाफ लड़ते नजर आएंगे।

फिल्म में दिखाए जाने वाले पहलू

  • जलियांवाला बाग कांड के बाद ब्रिटिश अफसरों पर कानूनी कार्रवाई
  • एक वकील बनाम संपूर्ण ब्रिटिश साम्राज्य की ऐतिहासिक कानूनी लड़ाई
  • न्याय, सच्चाई और राष्ट्रभक्ति का असली मतलब

किताब ‘Gandhi and Anarchy’ में उनके विचार

1922 में प्रकाशित "Gandhi and Anarchy" सी. शंकरन नायर की लिखी गई एक बेहद चर्चित किताब है। इसमें उन्होंने महात्मा गांधी की रणनीतियों, खासकर असहयोग आंदोलन, पर आलोचनात्मक दृष्टिकोण रखा। नायर मानते थे कि भारत की प्रगति और स्वतंत्रता के लिए व्यावहारिक और संवैधानिक रास्ते ज्यादा कारगर हैं।

किताब के कीपॉइंट्स 

  • गांधी जी की नीतियों और आंदोलनों की विस्तृत आलोचना
  • भारतीय समाज में अस्थिरता और अव्यवस्था के खतरे पर चिंता
  • अंग्रेजी सत्ता की नीतियों की समीक्षा
  • सुधार बनाम आंदोलन के सवाल पर गंभीर तर्क

इस किताब के ज़रिए नायर ने यह साफ किया कि वे क्रांति के विरोधी नहीं थे, लेकिन उनका विश्वास था कि संवैधानिक तरीके और कानूनी प्रक्रिया ही स्थायी समाधान ला सकते हैं।

उनकी प्रेरणादायक बातें:

  • संस्थानों के भीतर से भी बदलाव लाया जा सकता है
  • नैतिकता और न्याय हमेशा सबसे बड़ा हथियार होते हैं
  • इतिहास सिर्फ प्रसिद्ध चेहरों का नहीं, बल्कि उन साइलेंट फाइटर्स का भी होता है

निष्कर्ष

‘केसरी 2’ न सिर्फ एक पीरियड फिल्म है, बल्कि यह उस इतिहास की परतों को सामने लाने का प्रयास करेगी जिसे दशकों से दबा दिया गया था। सी. शंकरन नायर की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि सच और न्याय की लड़ाई किसी भी हथियार से बड़ी होती है। यह फिल्म एक कानूनी योद्धा की अदृश्य लेकिन अमर लड़ाई को उस मंच पर लाएगी, जहाँ से आज की पीढ़ी कुछ सीख सके।

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Amit Mishra

By Amit Mishra

नमस्कार! यह हमारी टीम के खास मेंबर हैं इनके बारे में बात की जाए तो सोशल स्टडीज में मास्टर्स के साथ ही बिजनेस में भी मास्टर्स हैं सालों कई कोचिंग संस्थानों और अखबारी कार्यालयों से नाता रहा है। लेखक को ऐतिहासिक और राजनीतिक समझ के साथ अध्यात्म,दर्शन की गहरी समझ है इनके लेखों से जुड़कर पाठकों की रुचियां जागृत होंगी साथ ही हम वादा करते हैं कि लेखों के माध्यम से अद्वितीय अनुभव होगा।

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